प्रिय पाठको,
इससे पहले कि आप संदेश (Message) और उसकी अलग-अलग पुस्तकों को पढ़ना शुरू करें, हम अपना परिचय देना चाहेंगे। प्यार करने वाले प्राणियों का एक समूह जिसने ईश्वर के अनुग्रह/स्वीकृति से इन सुंदर और शिक्षाप्रद पुस्तकों को, दृष्टियों और छवियों से जैसा पहले हमारे लिए परिपूरित किया गया था, अब लेखिका, उपचारिका/हीलर और हमारी आध्यात्मिक गुरू श्रीमती हेलेंका सेब्लोवा ने पेश किया है।
समूह का नाम इस ब्रह्मांड के मंडल/क्षेत्र 13 के व्हाइट कोन ग्रह से आता है और हम सभी उच्च/श्रेष्ठ प्यार के इस ग्रह से आते हैं। हम सबकी आयु 25 से 72 के मध्य है, हममें से अधिकतर महिलाएं हैं। सामान्यतः हमारी शिक्षा-दीक्षा माध्यमिक और विश्वविद्यालय स्तर की है। और हम भौगोलिक दृष्टि से चेक गणराज्य, स्लोवाकिया और की पृष्ठभूमि से आते हैं।
हम यथावश्यक रूप से एक दिन में कई घंटे अपने भौतिक शरीरों पर (निकायों में) काम करते हैं लेकिन हम अन्य आयामों में प्रतिदिन 24 घंटे काम करते हैं। हम, विभिन्न आयामों, क्षेत्रों/मंडलों, मौलिक साम्राज्यों एवं खनिज, पौधों और जानवरों के साम्राज्य के साथ ही इस प्रकट एवं गुप्त दुनिया के अन्य ग्रहों एवं तारों में ईश्वर की स्वीकृति से और उनके संरक्षण के अंतर्गत काम करते हैं। चूंकि हम बहु-आयामी प्राणी हैं, तो हमारा काम ईश्वर के संरक्षण और हमारे गुरू/शिक्षक, संरक्षक, उपचारक और सहायकों जैसे प्यार करने वाले प्राणियों के संरक्षण में प्रकाश/ज्योति के लिए कार्यों को पूरा करने हेतु ब्रह्मांड और सृष्टि में हर जगह चलता है।
सच्चाई और प्यार के सीख वाले सातों खंड धरती (गैया) पर मानव अस्तित्व की शुरुआत से मौजूद और मान्य शिक्षण को ही निरूपित करते हैं। ये विभिन्न आयामों और दुनिया के सभी प्राणियों के लिए हैं। इसके अनुसार हम सभी समान हैं और इस ग्रह के कानून बिना किसी अपवाद के सब पर लागू होते हैं। हम सभी की उत्पत्ति हमारे स्वर्ग के पिता द्वारा हुई है और हम सभी उनके बच्चे हैं।
हम आपके समक्ष अपना परिचय इसलिए दे रहे हैं कि हम सच्चाई और प्यार की सीख के उन अंशों, संकेतों और घटनाओं को समझाने और वर्णित करने में आपकी सहायता कर सकें जो आपके लिए पूरी तरह स्पष्ट और अवबोधगम्य (समझपूर्ण) नहीं है। हम यथाशक्ति आपकी मदद करने और आपके लिए चीजों को स्पष्ट करने हेतु प्रस्तुत हैं और हम इस काम के लिए प्रकाश/ज्योति द्वारा अनुमत हैं ताकि आप शिक्षण के मूलतत्व को समझ सकें और अपनी स्वेच्छा से निर्णय लेकर जीना चुन सकें।
हम कामना करते हैं कि आप इन पुस्तकों का आनंद उठाएं और ज्योति/प्रकाश एवं ज्ञान के अध्ययन, उच्चतर दुनिया, अन्य आयामों के जीवन द्वारा उपलब्ध कराए गए अवसर को न गवाएं। यह हमारा स्वयं के प्रति ज्ञान(आत्मज्ञान) है।
जो कोई भी इस धरती (गैया) पर जन्म लेता है, वह आध्यात्मिक कानूनों द्वारा शासित/नियंत्रित होता है और इस प्रकार वह संपूर्ण ब्रह्मांड और सृष्टि के कानूनों द्वारा भी शासित/नियंत्रित होता है, भले ही यह बात उसे पता हो या न हो। ये आध्यात्मिक कानून सभी पर एक समान लागू होते हैं। यह बेहतर हो कि हम उनके बारे में जानें और उनके अनुसार जीना सीखें ताकि आगे जाकर यह कहने की नौबत ना आए कि "यह मेरे लिए नहीं है"।
हम चाहते हैं कि ये पुस्तकें आपको लाभान्वित करें जैसा कि इनसे हम हुए हैं। ये आपको शुद्धिकरण के माध्यम से जादू-टोने वाले अभ्यासों से हटाकर आत्मज्ञान/ज्ञानोद्दीप्ति की ले जाएंगी। इन्हें प्यार के साथ खुले दिल और दिमाग से देखें व पढ़ें।
प्यार वाली पाठ्यपुस्तकों के साथ अध्ययन हेतु पूरक के रूप में उपचारात्मक छवियां दी गई हैं । यह उपचारात्मक छवियों वाली पुस्तक (बुक ऑफ़ हीलिंग इमेजेस) लेखिका के प्राक्कथन के साथ है, इसके अलावा, यथावश्यक रूप से आपके आध्यात्मिक, ऊर्जावान और भौतिक शरीर की देखभाल करने और उन्हें शक्तिशाली/सशक्त बनाने के लिए उपचारात्मक ऊर्जा (हीलिंग एनर्जी) के उपयोग हेतु व्यक्ति को सक्षम बनाने के लिए निर्देश भी दिए गए हैं।
ये उपचारात्मक, मजबूत और पवित्र बनाने वाली छवियां उपचारकों/हीलर के ग्रह से आई हैं एवं लेखिका द्वारा इन्हें स्कैन किया (उकेरा) गया है और मानव शरीर की विशिष्ट शरीर-रचना के अनुप्रस्थ काटों (क्रॉस सेक्शन) के रूप में भौतिक रूप से अभिव्यक्त किया गया है। आध्यात्मिक जगत में इन छवियों द्वारा विकीर्ण की गई प्रेममय/स्नेही ऊर्जा इंद्रधनुषी रंग की होती है।
उनके माध्यम से उपचार/इलाज आप के लिए परमात्मा की एक दया ही है।
पुस्तकों को मुद्रित और प्रकाशित भी किया गया है और पढ़ने के लिए देश के सभी राष्ट्रीय अग्रणी पुस्तकालयों एवं बिक्री के लिए सीमित संख्या में पुस्तकों की दुकानों (बुकशॉप) में उपलब्ध कराया गया है।
हमारी शुभाशंसा है कि आप अच्छे विचारों/बातों को पढ़ें, जानें और समझें। स्वर्ग के पिता से हमारी प्रार्थना है कि इन्हें समझने और आपको मुक्त करने में वह आपकी सहायता करे।
सस्नेह,
हाना दुस्कोवा